स्वामी विवेकानन्द

स्वामी विवेकानन्द

आगामी पचास वर्षों में हमारा केवल एक ही विचार केन्द्र होगा और वह है, हमारी महान मातृ-भूमि भारत. हमारा भारत, हमारा राष्ट्र केवल यही हमारा देवता है. वह अब जाग रहा है, हर जगह जिस के हाथ हैं, हर जगह पैर हैं, हर जगह कान हैं, जो सब वस्तुओं में व्याप्त है. इस महान देवता की पूजा में सब देवों की पूजा है.

Leave a Comment

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *