सा भार्या या प्रियं

सा भार्या या प्रियं बू्रते स पुत्रो यत्र निवृति: ।
तन्मित्रं यत्र विश्वास: स देशो यत्र जीव्यते ।।

जो मीठी वाणी में बोले वही अच्छी पत्नी है, जिससे सुख तथा समाधान प्राप्त होता है वही वास्तव में पुत्र है, जिसपर हम बिना झिझ के संपूर्ण विश्वास कर सकते है वही अपना सच्चा मित्र है तथा जहांपर हम काम करके अपना पेट भर सकते हैं वही अपना देश है ।

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