रहिमन रहिला की भला

रहिमन रहिला की भला , जो परसे चितलाय।
परसत मन मैला करे , मैदा हूँ जरि जाय। ।

रहिमनदास कहते हैं कि अगर प्यार से खिलाए तो भूसी की रोटी भी अच्छी लगती है , और बुरे मन से परोसने पर मैदा के व्यंजन भी रुचिकर नहीं लगते हैं।

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