येषां न विद्या न तपो न दानं

येषां न विद्या न तपो न दानं , ज्ञानं न गुणों न धर्मः ,
ते मर्त्य लोके भुवि भरभूताः मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति। ।

मनुष्य जन्म लेकर भी जिसने विद्या प्राप्त नहीं की और ना ही जिसने तपशील दान-धर्म जैसे गुणों को अपनाया वह मनुष्य रूप में पशु की भांति पृथ्वी पर भार बनकर जीवन व्यतीत करता है।

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