परम पूज्य श्री गुरूजी
जिस प्रकार अयोग्य सेनापति द्वारा सेना का कुशल सञ्चालन नहीं हो सकता उसी पकारा कार्यकर्ता अकुशल हो तो शाखाएं ठीक नहीं चल सकती. अतः प्रत्येक कार्यकर्ता को संघ का शिक्षण करना अनिवार्य है. ये वर्ग हमे कठिनाईयों में भी ध्येय का स्मरण रखते हुए संघ कार्य सिखाता है.