उष्ट्राणां च विवाहेषु गीतं गायन्ति गर्दभा:
परस्परं प्रशंसन्ति अहो रुपमहो ध्वनि:
ऊंटो के विवाह मे गधे गाना गा रहे हैं। दोनो एक दूसरे की प्रशंसा कर रहे हैं वाह क्या रूप है (ऊंट का), वाह क्या आवाज है (गधे की)। वास्तव में देखा जाए तो ऊंटों में सौंदर्य के कोई लक्षण नहीं होते, न कि गधों मे अच्छे स्वर के । परन्तु कुछ लोगोंने कभी उत्तम क्या है यही देखा नहीं होता । ऐसे लोग इस तरह से जो प्रशंसा करने योग्य नहीं है, उसकी प्रशंसा करते हैं ।